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मन कितना अहम्
मन कितना अहम्’’ आयुर्वेदिय विवेचन लेखिका डा राखी मेहरा द्वारा आयुर्वेद की धरोहर में छिपे स्वास्थ्य के असीम उपायों को पिद्यार्थी- शिक्षक- अनुसन्धानकर्ता- जीवन मर्मज्ञ तथा जनसाधारण तक पहुँचाने का अत्यंत विद्वतपूर्ण प्रयास है। वेद आयुर्वेद व योग जो वर्तमान में पुरतन विधाएं हो गई हैं की जागृति आज की आवश्यकता है। जिससे प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन के मूल्यों को पहचानते हुए मन के शाश्वत मापदण्डों को पहचाने समझे और अपनाएँ। इस उद्देश्य से लिखे इस ग्रन्थ के जटिल विषय को सरल, सुगम, सुबोध बनाते हुए विश्व को समर्पित करते हुए हमें हर्ष हो रहा है।
इसी क्रम में कैसा सोचें- कैसे विचार- कैसा व्यवहार तथा कैसा आचार किया जाए एक जीवन में मन का क्या महत्व है इन तमाम बातों का जन साधारण तक सरल भाषा में पहुँचाने के उद्देश्य से प्रस्तुत ग्रन्थ चित्त सत्त्व या सम्पूर्ण मन स्वास्थ्य में अहम् आयुर्वेदीय विवेचन निश्चित ही मेरे पाठकों को अवश्य ही पसन्द आएगी।